पहली ईद उल-फितर पैगंबर मुहम्मद ने सन् 624 ईस्वी में जंग-ए-बदर के बाद मनाया थी. पैगंबर हजरत मोहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी. उनके विजयी होने की खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है. ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की नमाज अदा करने से पहले हर मुसलमान दान देता है.
ख्वाब आपके सभी पूरे हो जाएं,
हो आपका मुकद्दर इतना रोशन की,
आमीन कहने से पहले ही,
आपकी हर दुआ मंजूर हो जाए
आपको दिल से ईद मुबारक!
ईद आई तुम न आए क्या मज़ा है ईद का
ईद ही तो नाम है इक दूसरे की दीद का
ईद मुबारक
सदा हंसते रहो जैसे हंसते है फूल,
दुनिया के सारे गम तुम जाओं भूल,
चारों तरफ फैलाओं खुशियों के गीत,
इसी उम्मीद के साथ तुम्हें मुबारक हो ईद
चुपके से चांद की रोशनी छू जाए आपको
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको,
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से,
हम दुआ करते है मिल जाए वो आपको
या खुदा! अपनी रहमतों से सबके दिलों को नेक कर दे
इस ईद पर मेरे मुल्क के लोगों को फिर से एक कर दे
ईद मुबारक
ऐ चांद उनको मेरा ये पैगाम देना
खुशी का दिन और हंसी की शाम कहना
जब देखें वो तुझे तो,
मेरी तरफ से उनको ईद मुबारक कहना
ईद मुबारक 2023
अल्लाह की करते हैं तहे दिल इबादत
दुश्मन हो या दोस्त रखे सभी को सलामत
कुबूल फ़रमाय से शायरी का नज़राना
ईदी चाहिये तो घर जरुर आना
जिंदगी का हर पल खुशियों से कम न हो,
आपका हर दिन ईद के दिन से कम न हो,
ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो,
जिसमे कोई भी दुख और गम न हो
Eid Mubarak 2023
लेकर आये हैं नया नजराना
कहने को दिल का नया फ़साना
मुबारक हो तुमको ये ईद हमारी
सारी आरज़ू हो पूरी तुम्हारी
मौका हैं खास
कहदे दिल के ज़स्बात
गीले शिकवे भुलाकर
सभी को ईद मुबारक
ज़न्नत से नज़राना भेजा हैं
खुशियों का ख़जाना भेजा हैं
कुबूल फ़रमायें दिल की दुआ हैं
ईद मुबारक का फ़रमान भेजा हैं
तारो से आसमा में खिली रहे बहार
चाँद के जैसा पाक हो सभी का प्यार
होता रहे युहीं अपनों से दीदार
मुबारक हो तुमकों ईद का
मुबारक मौका हैं करो खुदा की इबादत
खुशियों से भरी ये जिंदगी रहे सलामत
अदा करे हर फ़र्ज़ खुदा की रहमत में
पाक दिल युही सजदा करें रमज़ान के महे में.
मुस्कुराते रहो जैसे खिला हुआ फूल
गमो की बेला जाये तुमको भूल
ऐसे ही प्रेम की चलती रहे रीत
इसी दुआ के साथ मुबारक हो ईद
बचपन में मिलते थे पुरे रमज़ान
अम्मी की दी सेहरी से करते थे शुरुवात
धूम धड़का होता था दोस्तों के साथ
आज भी हैं याद ईद की हर एक रात
ऐ दोस्त तेरे पास होते तो गले लगाते
दूर ही सही फिर हम वो रस्म निभायेंगे
गले तो नहीं पर शायरी सुनायेंगे
ईद मुबारक हो मुबारक ज़ोर- ज़ोर से चिल्लायेंगे
ऐ चांद उनको मेरा ये पैगाम देना
खुशी का दिन और हंसी की शाम कहना,
जब देखें वे तुझे तो
मेरी तरफ से उनको ईद मुबारक कहना…
जिंदगी का हर पल खुशियों से कम न हो,
आप का हर दिन ईद के दिन से कम न हो,
ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो
जिसमें कोई दुःख और कोई गम न हो…
ईद मुबारक 2022!!!
रोजेदारों को मीठी ईद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलन्दी मुबारक,
और आपको हमारी तरफ से ईद मुबारक!!
अल्लाह आपको ईद के
मुक्कदस मौके पर तमाम
खुशियां अता फरमाएं और
आपकी इबादत कुबूल करें!!
ईद मुबारक!!
दीपक में अगर नूर ना होता,
तन्हा दिल यूं मजबूर ना होता,
पास आकर गले न मिल पाएंगे,
पर दूर से ही दिल तो मिलाएंगे।
ईद मुबारक
कोई इतना चाहे तुम्हें तो बताना,
कोई तुम्हारे इतने नाज उठाए तो बताना,
ईद मुबारक तो हर कोई कह देगा तुमसे,
कोई हमारी तरह कहे तो बताना।
Eid Mubarak
रमजान में ना मिल सके;
ईद में नज़रें ही मिला लूं;
हाथ मिलाने से क्या होगा;
सीधा गले से लगा लूं.
ईद मुबारक
दीपक में अगर नूर ना होता;
तन्हा दिल यूँ मजबूर ना होता;
मैं आपको “ईद मुबारक” कहने जरूर आता;
अगर आपका घर इतना दूर ना होता.
ईद मुबारक!
सूरज की किरणें तारों की बहार;
चाँद की चाँदनी अपनों का प्यार;
हर घड़ी हो ख़ुशहाल;
उसी तरह मुबारक हो आपको ईद का त्योहार.
ईद मुबारक!
सदा हँसते रहो जैसे हँसते हैं फूल;
दुनिया के सारे गम तुम जाओ भूल;
चारों तरफ फ़ैलाओ खुशियों के गीत;
इसी उम्मीद के साथ तुम्हें मुबारक हो ईद.
ईद मुबारक
ज़िन्दगी का हर पल खुशियों से कम न हो;
आप का हर दिन ईद के दिन से कम न हो;
ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो;
जिसमें कोई दुःख और कोई गम न हो!
ईद मुबारक!
ईद का चाँद तुम ने देख लिया
चाँद की ईद हो गई होगी
ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम
रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है
मिल के होती थी कभी ईद भी दीवाली भी
अब ये हालत है कि डर डर के गले मिलते हैं
तुझ को मेरी न मुझे तेरी ख़बर जाएगी
ईद अब के भी दबे पाँव गुज़र जाएगी
ईद आई तुम न आए क्या मज़ा है ईद का
ईद ही तो नाम है इक दूसरे की दीद का
हम ने तुझे देखा नहीं क्या ईद मनाएँ
जिस ने तुझे देखा हो उसे ईद मुबारक
देखा हिलाल-ए-ईद तो आया तेरा ख़याल
वो आसमाँ का चाँद है तू मेरा चाँद है
ऐ हवा तू ही उसे ईद-मुबारक कहियो
और कहियो कि कोई याद किया करता है
जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रें
ईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही
कहते हैं ईद है आज अपनी भी ईद होती
हम को अगर मयस्सर जानाँ की दीद होती
उस से मिलना तो उसे ईद-मुबारक कहना
ये भी कहना कि मिरी ईद मुबारक कर दे
ईद का दिन है सो कमरे में पड़ा हूँ ‘असलम’
अपने दरवाज़े को बाहर से मुक़फ़्फ़ल कर के
फ़लक पे चाँद सितारे निकलने हैं हर शब
सितम यही है निकलता नहीं हमारा चाँद
ईद अब के भी गई यूँही किसी ने न कहा
कि तिरे यार को हम तुझ से मिला देते हैं
ईद का दिन है गले आज तो मिल ले जालिम
रस्म-ए-दुनिया भी है मौका भी है दस्तूर भी है
है ईद का दिन आज तो लग जाओ गले से
जाते हो कहां जान मिरी आ के मुकाबिल
जो लोग गुजरते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से
दिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से
ईद के बाद वो मिलने के लिए आए हैं
ईद का चांद नजर आने लगा ईद के बादॉ
शहर खाली है किसे ईद मुबारक कहिए
चल दिए छोड़ के मक्का भी मदीना वाले
महक उठी है फजा पैरहन की खुशबू से
चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है
ईद को भी वो नहीं मिलते हैं मुझ से न मिलें
इक बरस दिन की मुलाकात है ये भी न सही
राहतों से लगे सदमे भी हैं
दिल को मजबूत बना कर रखिए
ईद का दिन है गले मिल लीजे
इख्तिलाफात हटा कर रखिए
ईद में ईद हुई ऐश का सामां देखा
देख कर चांद जो मुंह आप का ऐ जां देखा
आई ईद व दिल में नहीं कुछ हवा-ए-ईद
ऐ काश मेरे पास तू आता बजाए ईद
किसी की याद मनाने में ईद गुजरेगी
सो शहर-ए-दिल में बहुत दूर तक उदासी है
ईद तू आ के मेरे जी को जलावे अफ्सोस
जिस के आने की खुशी हो वो न आवे अफ्सोस
आज यारों को मुबारक हो कि सुब्ह-ए-ईद है
राग है मय है चमन है दिलरुबा है दीद है
उस मेहरबां नजर की इनायत का शुक्रिया
तोहफा दिया है ईद पे हम को जुदाई का
मित्रों इस लेख में Meethi Eid का संग्रह प्रस्तुत किया है. उम्मीद है, आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी. अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं. हमारी वेबसाइट से जुड़ने के लिए Notification को Allow करें.