रानी लक्ष्मीबाई बाई स्टेटस, शायरियाँ, कोट्स और जयंती शुभकामनाएँ | Rani Laxmi Bai Status, Shayari, quotes and Jayanti Wishes in Hinid
मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रान्ति की द्वितीय शहीद वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई जिनका जन्म 19 नवंबर 1828 में हुआ था. और सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और उन्हें रणभूमि में वीरगति प्राप्त हुई . भारत राष्ट्र की वीरांगना की जयंती पर स्टेटस और शायरियाँ.
हम लडे़ंगे ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां अपनी आज़ादी का उत्सव मना सके –
रानी लक्ष्मी बाई
शौर्य और वीरता झलकता है लक्ष्मीबाई के नाम में,
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डोरी थी जिसके हाथ में.
मुर्दों में भी जान डाल दे,
उनकी ऐसी कहानी है,
वो कोई और नहीं
झाँसी की रानी है.
जिसने नारी के लिए अबला शब्द गढ़ा है,
शायद उसने झाँसी की रानी को नहीं पढ़ा है.
मातृभूमि के लिए झाँसी की रानी ने जान गवाई थी,
अरि दल काँप गया रण में जब लक्ष्मीबाई आई थी.
अपने हौसले की एक कहानी बनाना,
हो सके तो खुद को झाँसी की रानी बनाना।
हर औरत के अंदर है झाँसी की रानी,
कुछ विचित्र थी उनकी कहानी,
मातृभूमि के लिए प्राणाहुति देने को ठानी,
अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी।
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी.
मैदाने जंग में मरना है,
फिरंगी से नहीं डरना है,
कहती रानी लक्ष्मी बाई
यह वादा पूरा करना है.
उखाड़ फेका हर दुश्मन को,
जिसने झाँसी का अपमान किया,
मर्दानी की परिभाषा बन कर
आज़ादी का पैगाम दिया.
वीर बहादुर बनकर रहना,
वीरों की दुनिया दीवानी,
इतिहासों में लिख जाती है,
बलिदानों की अमर कहानी.
रानी लक्ष्मी बाई लड़ी तो,
उम्र तेईस में स्वर्ग सिधारी,
तन मन धन सब कुछ दे डाला,
अंतरमन से कभी ना हारी.
वाराणसी में जन्मी,
बिठूर में पली बढ़ीं,
झाँसी की बनीं रानी,
और ग्वालियर से चल बसीं,
ऐसी भारत की बेटी के लिए मैं क्या कहूं,
न कोई शेरनी भी जिसकी सानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी, वो तो झाँसी वाली रानी थी
इस गगनचुमते दुर्ग में अब भी हमारी रानी रहती है,
इन बुज़ुर्ग दीवारों में भी इक नयी जवानी बहती हैं,
जरा ख़ामोशी से सुनो इस ख़ामोशी की आवाज़ को,
यहाँ की हर इमारत अपनी अलग कहानी कहती है।
अठारह सौ सत्तावन मे भारत की जिसने की अगवानी थी,
वह साहसी, निडर, वीरांगना;
वह स्त्री श्रेष्ठ अभयदानी थी।
धूर्त फिरंगियों को जला कर
खाख करने वाली अंगारधानी,
रणभूमी मे वीरगति को
प्राप्त हुई लक्ष्मीबाई महारानी थी।
सत्तावन की तलवार लिखूँ।
शोणित की बहती धार लिखूँ।
दुश्मन की छाती पर पड़ता,
रानी का इक इक वार लिखूँ।
थी घनघोर घटा छाई और भभक उठी थी ज्वाला,
जब सन सत्तावन में लड़ रही थी,
भारत मां की वीर बाला।
मेरा हर हिंदू लड़की से निवेदन है..
तू दुर्गा बन जा, चाहे #काली बन जा
हिंदू शेरनी बन जा,या बन जा झाँसी की रानी।
“हारे हैं जरूर, मगर सुरक्षित रहा दाव भी…
लाखों में है, मरे हुए हाथी का भाव भी…
कोशिश की बहुत, फिर भी किनारे नहीं पहुंचा…
हवा भी थी खिलाफ, खिलाफ था बहाव भी…”
नारी सक्ति की वो गौरवशाली कहनी थी
ज्योति जगाई आजादी की वो झाँसी वाली रानी थी।
रणचंडी थी कल्याणी थी,
वो भरत भूमि की नारी थी,
अंग्रेजों का काल बनी वो,
झाँसी की महारानी थी।
Rani Laxmi Bai Jayanti Status
वीर बहादुर बनकर रहना,
वीरों की दुनिया दीवानी
इतिहासों में लिख जाती है,
बलिदानों की अमर कहानी।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती!
शौर्य और वीरता झलकती है लक्ष्मीबाई के नाम में,
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डोरी थी जिसके हाथ में।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती 2022
मुर्दों में भी जान डाल दे,
उनकी ऐसी कहानी है
वो कोई और नहीं,
झाँसी की रानी हैं।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती!
मातृभूमि के लिए झाँसी की रानी ने जान गवाई थी,
अरि दल कांप गया रण में, जब लक्ष्मीबाई आई थी।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती 2022
अपने हौसले की एक कहानी बनाना,
हो सके तो खुद को झाँसी की रानी बनाना।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती!
हर औरत के अंदर है झाँसी की रानी,
कुछ विचित्र थी उनकी कहानी
मातृभूमि के लिए प्राणाहुति देने को ठानी,
अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती 2021!
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,
चमक उठी सन सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती!
शौर्य और वीरता झलकती है रानी लक्ष्मीबाई के नाम में
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डोरी थी जिनके हाथ में
रानी लक्ष्मीबाई जयंती
मुर्दों में भी जान डाल दे, उनकी ऐसी कहानी है
वो कोई और नहीं, झाँसी की रानी हैं
रानी लक्ष्मीबाई जयंती
जिसने झाँसी का अपमान किया
मर्दानी की परिभाषा बन कर,
आज़ादी का पैगाम दिया।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती!
अद्भुत शौर्य और पराक्रम की
अद्वितीय उदाहरण महान वीरांगना
रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान को
देश कभी नहीं भुला सकता।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती 2022
रानी लक्ष्मी बाई लड़ी तो,
उम्र तेईस में स्वर्ग सिधारी
तन मन धन सब कुछ दे डाला,
अंतरमन से कभी ना हारी।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती 2022
हर औरत के अंदर है झाँसी की रानी
कुछ विचित्र थी उनकी कहानी
मातृभूमि के लिए प्राणाहुति देने को ठानी
अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी
रानी लक्ष्मीबाई
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी
चमक उठी सन सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी
बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी
रानी लक्ष्मीबाई जयंती
उखाड़ फेंका हर दुश्मन को
जिसने झाँसी का अपमान किया
मर्दानी की परिभाषा बन कर
सबको आजादी का पैगाम दिया
रानी लक्ष्मीबाई जयंती 2022
अप्रतिम शौर्य की प्रतिमूर्ति, नारी शक्ति,
मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए
अपने प्राणो का बलिदान देने वाली एवं वीरता
की प्रतीक रानी लक्ष्मी बाई को हमारा शत् शत् नमन।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती 2022
मित्रों इस लेख में Rani Laxmi Bai का संग्रह प्रस्तुत किया है. उम्मीद है, आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी. अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं. हमारी वेबसाइट से जुड़ने के लिए Notification को Allow करें.