हिंदी सिनेमा बॉलीवुड का इतिहास | Hindi Cinema Bollywood History

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हिंदी सिनेमा का इतिहास आज से लगभग 105 साल पुराना है. हिंदी सिनेमा को बॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है. हिंदी सिनेमा की पहली फिल्म श्री दादासाहेब फाल्के द्वारा तैयार की गयी थी. दादा साहेब फाल्के ने हिंदी सिनेमा की पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई थी. राजा हरिश्चंद्र बहुत ही जल्द भारतीय दर्शकों के बीच लोकप्रिय हुई. हिंदी सिनेमा में कई डायरेक्टर और प्रोडूसर रहे है. सन् 1930 तक हर साल लगभग 200 से ज्यादा फिल्मे बनी और यही से हिंदी सिनेमा ने नई उंचाई पाना शुरू किया.

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कुछ ही समय बाद साल 1931 में हिंदी सिनेमा की पहली बोलती फिल्म रिलीज़ हुई. अरदेशिर ईरानी द्वारा निर्मित फिल्म उस समय भारत में काफी लोकप्रिय हुई. इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की. फ़िरोज़ शाह ने इस फिल्म में संगीत का निर्देशन किया था. हिंदी सिनेमा के पहले गीत “दे दे खुदा के नाम पर” को वजीर मोहम्मद खान ने गाया था.

भारत में 1927 में 108 फ़िल्में बनी थी. और 1931 में 328 फ़िल्में बनाई गयी. इसी समय के दौरान एक बड़े फिल्म हॉल का भी निर्माण किया गया. जिससे दर्शकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई. आलमआरा फिल्म के बाद लगभग सारी फ़िल्में बोलती फ़िल्में ही होती थी. आने वाले सालों में भारत में स्वतंत्रता संग्राम और देश विभाजन जैसी ऐतिहासिक घटनाएं हुई.

1950 का दशक हिंदी सिनेमा के लिए काफी बुरा था. लेकिन 1950 के दशक के अंत में ब्लैक & वाइट फ़िल्में रंगीन होने लग गयी. इन फिल्मों का मुख्य विषय प्यार ही होता था. भारत में आधुनिक फिल्म उद्योग का जन्म 1947 के आसपास से ही शुरू हुआ. इससे फिल्म उद्योग में कई परिवर्तन हुए. उस समय में मशहूर फिल्म निर्माता सत्यजीत रे और बिमल रॉय ने फ़िल्में बनाई उनकी फिल्में ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं पर बनती थी. उन फिल्मों को श्रेष्ठ माना जाने लगा जो की समाज को शुभ सन्देश देती थी. 1960 के दशक की फ़िल्में हिंसक प्रभाव वाली होती थी. और आम लोगों के जीवन पर आधारित होती थी. 1950 से 1960 के दशक को भारतीय फिल्म का स्वर्णिम काल माना गया है. उस समय गुरु दत्त, राज कपूर, दिलीप कुमार, मीना कुमारी, मधुबाला, नर्गिस, नूतन, देव आनंद और वहीदा रहमान जैसे कलाकार काम करते थे.

1970 के दशक से हिंदी सिनेमा को बॉलीवुड कहा जाने लगा. बॉलीवुड में मसाला फ़िल्में आने लगी फिल्मों में लड़ाई झगडा होता था जो कि उस समय के लोगों को काफी पसंद होता था. उस समय की फिल्म में प्यार, ड्रामा, कॉमेडी और फाइट का ज़बरदस्त मिक्स मसाला होता था. जो लोगों को काफी पसंद आने लगा. उस समय में राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी, जया भादुरी, मुमताज़ मुख्य पात्र माने जाते थे. 1975 में आई फिल्म शोले ने सिनेमा जगत में तहलका मचा दिया था. उस फिल्म ने कमाई में कई आसमान छुए. फिल्म शोले ने अमिताभ बच्चन को सुपर स्टार बना दिया था.

बॉलीवुड शब्द की शुरुआत हॉलीवुड से प्रेरणा लेकर हुई. मुंबई से शुरुआत होने कारण फिल्म जगत को बॉलीवुड कहा जाने लगा. वैसे ही तमिल में टोलीवुड, पंजाब में पोलीवुड नाम दिया गया.

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1980 के दशक में महिला निर्माताओं ने भी अपनी कला को दर्शाते हुए कई फ़िल्में बनाई महिला अभिनेत्रिओं ने भी अपनी कला का प्रदर्शन कर सभी की वाहवाही बटोरी. फिल्म “उमराव जान” में रेखा ने जो असाधारण किरदार निभाया था उसे कोई भी नहीं भूल सकता है.
1990 के दशक में सलमान खान, शाहरुख़ खान, माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी, अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी जैसे कई कलाकारों ने फिल्मी दुनिया में एंट्री मारी. इन बॉलीवुड अभिनेता और अभिनेत्री की एक्टिंग की नयी तकनीक ने दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया और ये ही कलाकार भारतीय फिल्म जगत को पूरी दुनिया के सामने लेकर गए. आज के दशक में भी कई नए कलाकारो ने बॉलीवुड में एंट्री मारी है. और इन कलाकारों ने बॉलीवुड की शकल सूरत ही बदल कर रख दी है.

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