श्री कृष्ण शायरियाँ, स्टेटस, जन्माष्टमी स्टेटस | Shri Krishan Shayari, Status, Janmashtami Status and Quotes in Hindi
भगवन श्री कृष्ण ने जन्म लीलाओं के साथ लिया था. इनके जैसी मनमोहक और अनुपम जीवन लीला और किसी भी देव या मनुष्य की नहीं हो सकती है. वे श्री विष्णु के दस अवतारों में से आठवे अवतार थे. गीता के जैसा पवित्र ज्ञान देने वाले श्री कृष्ण ही है. हम सही के प्यारे भगवान के लिए शायरियाँ और स्टेटस.
ए जन्नत अपनी औकात में रहना
हम तेरी जन्नत के मोहताज नही
हम श्री बांकेबिहारी के चरणों में रहते है
वहां तेरी भी कोई औकात नही
प्रभु खोजने से नहीं मिलते…
उसमें “खो – जाने” से मिलते है…!
!! जय श्री कृष्णा !!
जिस पर राधा को मान हैं
जिस पर राधा को गुमान हैं
यह वही कृष्ण हैं जो राधा
के दिल हर जगह विराजमान हैं
श्रीकृष्ण ज़िनका नाम है,
गोकुल ज़िनका धाम है !
ऐसे श्रीकृष्ण को मेरा,
बारम्बार प्रणाम है !
बाजार के रंगो में रंगने की मुझे जरुरत नही
मेरे कान्हा की याद आते ही
ये चेहरा गुलाबी हो जाता है
वो दिन कभी न आए,
हद से ज्यादा गरूर हो जाये,
बस इतना झुका कर रखना,
“मेरे कन्हैया”
की हर दिल दुआ देने को मजबूर हो जाये.
रख लूँ नजर मे चेहरा तेरा,
दिन रात इसी पे मरती रहूँ..
जब तक ये सांसे चलती रहे,
मे तुझसे मोहब्बत करती रहूँ..
!!…मेरे कान्हा मेरी दुनिया…!!
सुध-बुध खो रही राधा रानी
इंतजार अब सहा न जाएँ
कोई कह दो सावरे से
वो जल्दी राधा के पास आएँ
कान्हा को राधा ने
प्यार का पैगाम लिखा
पूरे खत में सिर्फ
कान्हा-कान्हा नाम लिखा
उन्होंने नस देखि हमारी और बीमार लिख दिया…
रोग हमने पूछा तो वृंदावन से प्यार लिख दिया…
कर्जदार रहेगे उम्र भर हम उस वैद के जिसने दवा में…
“श्री राधे कृष्ण” नाम लिख दिया…
सुन्दर से भी अधिक सुंदर है तु,
लोग तो पत्थर पूजते है,
मेरी तो पूजा है तु,
पूछे जो मुझसे कौन है तु ?
हँसकर कहता हुँ,
जिंदगी हुँ मैं और साँस है तु…
राधा के दिल की चाहत है कृष्ण,
राधा की विरासत है कृष्णा,
कितने भी रास रचा ले कृष्णा,
फिर भी दुनिया कहेगी राधेकृष्णा…
मेरे दिल की दीवारों पर श्याम तुम्हारी छवि हो,
मेरे नैनो की पलकों में कान्हा तस्वीर तेरी हो,
बस और न मांगू तुझसे मेरे गिरधर…
तुझे हर पल देखू मेरे कन्हैया ऐसी तकदीर हो….
एक तरफ साँवले कृष्ण,
दूसरी तरफ राधिका गोरी
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी
तेरे सीने से लग कर तेरी धङकन बन जाऊँ
तेरी साँसो मेँ घुल कर खुशबू बन जाऊँ
हो न फासला कोई हम दोनो के दरम्याँ
मैँ …मैँ न रहुँ साँवरे.. बस तुँ ही तुँ बन जाऊँ
बड़ा मीठा नशा है कृष्ण की याद का..
वक्त गुजरात गया और हम आदि होते गए.
जय श्री कृष्णा
मंज़िले मुझे छोड़ गयी,
रास्ते ने पाल लिया है
जा ज़िंदगी तेरी ज़रूरत
नहीं मुझे ठाकुर ने संभाल लिया है
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आएंगे,
एक बार आ गए तो कभी नहीं जायेंगे.
हम भी तेरी मोहनी मूरत दिल में छिपाये बैठे है
तेरी सुन्दर सी छवि आँखों में बसाये बैठे है
इक बार बांसुरी की मधुर तान सुनादे कान्हा
हम भी एक छोटी सी आस जगाये बैठे है
अजीब नशा है, अजीब खुमारी है,
हमे कोई रोग नहीं बस,
जय श्री राधे कृष्णा, राधे कृष्णा बोलने बीमारी है….
तुम क्या मिले की साँवरे,
मेरा मुकद्दर सवंर गया,
उजड़े हुए नसीब का गुलशन निखर गया…
फूलो में सज रहे है श्री वृंदावन बिहारी
और साथ सज रही है वृषभानु की दुलारी
टेड़ा सा मुकुट रखा है कैसे सर पर
करुणा बरस रही है करुणा भरी निगाह से
बिन मोल बीक गयी हु जबसे छबि निहारी
फूंलों मे सज रहे है श्री वृंदावन बिहारी
जहाँ बेचैन को चैन मिले वो घर तेरा वृन्दावन है…
जहां आत्मा को परमात्मा मिले वो दर तेरा वृन्दावन है….
मेरी रूह तो प्यासी थी, प्यासी है तेरे लिए सावरिया….
जहां इस रूह को जन्नत मिले वो स्थान ही मेरा श्री वृन्दावन है
सुनो कान्हा तुम
Five Star की तरह दिखते हो
Munch की तरह शरमाते हो
Cadbury की तरह जब तुम मुस्कुराते हो
Kit Kat की कसम
तूम बहुत सुंदर नजर आते हो
जानते हो फिर भी अंजान बनते हों
इस तरह क्यों हमें परेशान करते हों
पुछते हो तुम्हें क्या क्या पंसद है
जबाब खुद हो फिर भी सवाल करते हों
पीर लिखो तो मीरा जैसी
मिलन लिखो कुछ राधा सा
दोनों ही है कुछ पूरे से
दोनों में ही वो कुछ आधा सा
जय श्री कृष्णा
हे बांके बिहारी…
नही रही कोई और हसरत इक तेरे दिदार के सिवा…
गौ़रतलब ये है मेरे नूर-ऐ-हरि….
अब हर तमन्ना ने मुझसे किनारा कर लिया…
राधे राधे जय श्री कृष्णा…
मेरे दिल को बना कर ” Teddy ”
अपने दिल से लगा लो ना तुम
मेरे श्याम
रख लो महफूज यादो की माफिक
दिल से मुझे अपना लो ना तुम
वृंदावन की हवा,
जरा अपना रुख हमारी तरफ भी मोड दे,
इस वीरान दिल मे राधा नाम की मस्ती छोड दे…
उड़ जाये माया की मिट्टी और दीदार हो सांवरे का,
ऐसी प्रीत हमारी राधा नाम से जोड़ दे…
जय श्री राधे
कर भरोसा राधे नाम का,
धोखा कभी न खायेगा….
हर मौके पर कृष्णा,
तेरे घर सबसे पहले आयेगा..
*जय श्री राधेकृष्णा…
राधा मुरली-तान सुनावें,
छीनि लियो मुरली कान्हा से,
कान्हा मंद-मंद मुस्कावें,
राधा ने धुन, प्रेम की छेड़ी,
कृष्ण को तान पे,नाच नचावें..
*जय श्री राधेकृष्णा…
“राधा” के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं
कान्हा से पहले लोग लेते “राधा” का नाम हैं
गज़ब के चोर हो कान्हा,
चोरी भी करते हो,
और दिलो पर राज़ भी….
मधुवन में भले ही कान्हा किसी गोपी से मिले
मन में तो राधा के ही प्रेम के हैं फूल खिले
माखन चुराकर जिसने खाया
बंसी बजाकर जिसने नचाया
ख़ुशी मनाओ उनके जन्म दिन की
जिन्होंने दुनिया को प्रेम का रास्ता दिखाया
राधा की चाहत है कृष्ण
उसके दिल की विरासत है कृष्ण
चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्ण
दुनिया तो फिर भी यही कहती है
राधे कृष्ण राधे कृष्ण
प्रेम के दो मीठे बोल बोलकर खरीद लो हमें,
कीमत से सोचोगे तो पूरी दुनिया बेचनी पडेगी.
किसी की सूरत बदल गई
किसी की नियत बदल गई
जब से तूने पकड़ा मेरा हाथ
“राधे” मेरी तो किस्मत ही बदल गई
भाव बिना बाज़ार मै वस्तु मिले न मोल,
तो भाव बिना “हरी“ कैसे मिले,
जो है अनमोल…!!
राधा कहती है दुनियावालों से
तुम्हारे और मेरे प्यार में बस इतना अंतर है
प्यार में पड़कर तुमने अपना सबकुछ खो दिया
और मैंने खुद को खोकर सबकुछ पा लिया
अभी तो बस इश्क़ हुआ है,
कान्हा से,
मंजिल तो वृंदावन में ही मिलेगी
एक तेरे ख्वाबो का शोक,
एक तेरी याद की आदत,
तू ही बता साँवरे…
सोकर तेरा दीदार करूँ या जाग कर तुझे याद…
गाय का माखन, यशोधा का दुलार
ब्रह्माण्ड के सितारे कन्हैया का श्रृंगार
सावन की बारिश और भादों की बहार
नन्द के लाला को हमारा बार-बार नमस्कार
राधा की कृपा,
कृष्णा की कृपा,
जिस पे हो जाए,
भगवान को पाए,
मौज उड़ाए…!!
सब सुख पाए…!!
मटकी तोड़े, माखन खाए
फिर भी सबके मन को भाये
राधा के वो प्यारे मोहन,
महिमा उनकी दुनिया गाये
तुम्हारी “चाहत” की,
“हद” हो सकती है मगर,
“दिल” की बात बताता हूॅ,
मै “बेहद” तुम्हे चाहता हूॅ….!!
राधे कृष्णा हरे कृष्णा….!!
सांवरे तेरी मोहब्बत को,
नया अंजाम देने की तैयारी हैं
कल तक मीरा दीवानी थी,
आज मेरी बारी हैं
माना कि मुझमे मीरा सी..कोई कशिश नही,
गोपी के जैसे रो सकू..वो जज्बात नही,
एकबार मेरे साँवरे इस..दिल की भी सुनो,
मेरे राधा कृष्णा मुरारी
हे मन,
तू अब कोई तप कर ले,
एक पल में सौ-सौ
बार कृष्ण नाम का जप कर ले.
जय श्री राधे-कृष्णा…
दे के दर्शन कर दो पूरी
प्रभु मेरे मन की तृष्णा
कब तक तेरी राह निहारूं,
अब तो आओ कृष्णा
कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण की तरह करे
जो एक बार मिले, तो फिर कभी बिछड़े हीं नहीं.
मेरे राधा कृष्णा….!
गोकुल में जो करें निवास
गोपियों संग जो रचाएँ रास
देवकी-यशोदा हैं जिनकी मैया
ऐसे ही हमारे कृष्ण कन्हैया
डूबे ना वो नैया,
चाहे तूफान आए या सुनामी,
जिसकी नांव का मांझी,
खुद है “शीश का दानी”..
जय श्री श्याम….
प्यार दो आत्माओं का मिलन होता है,
ठीक वैसे हीं जैसे…
प्यार में कृष्ण का नाम राधा
और राधा का नाम कृष्ण होता है.
मत रख अपने दिल में
इतनी नफरते ऐ इंसान,
जिस दिल में नफ़रत हो,
उस दिल में मेरा श्याम नहीं रहता.
क्या नींद क्या ख्वाब,
आँखे बन्द करू तो तेरा चेहरा…
और आंख खोलू तो तेरा ख्याल…
मेरे कान्हा..
रूप बड़ा प्यारा है
चेहरा बड़ा निराला है
बड़ी से बड़ी मुसीबत को
कन्हैया ने
पल भर में हल कर डाला है
बड़ी आस ले कर आया,
बरसाने में तुम्हारे कर दो क्षमा,
किशोरी जी अपराध मेरे सारे
सवारू में भी अपना जीवन
श्री राधा नाम जपते जपते…
प्रेम से बोलो श्री राधे.
राधा के हृदय में श्री कृष्ण
राधा की साँसों में श्री कृष्ण
राधा में ही हैं श्री कृष्ण
इसीलिए दुनिया कहती हैं
राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण
राधा-राधा जपने से
हो जाएगा तेरा उद्धार
क्योंकि यही वो नाम है
जिससे कृष्ण को प्यार
मेरे प्यारे सांवरिया,
तेरी फूल सी फितरत, मेरा काटेंदार वजूद.
तो क्यों ना मिलकर हम गुलाब हो जाएं..
राधे राधे
वाह रे मेरे साँवरे,
तुँ और तेरा इश्क,
जो तुझे जान ले,
तुँ उसी की जान ले..
राधे राधे
जन्माष्टमी के इस अवसर पर,
हम ये कामना करते हैं कि श्री कृष्ण की कृपा आप पर,
और आपके पूरे परिवार पर हमेशा बनी रहे.
माखन चोर नन्द किशोर,
बांधी जिसने प्रीत की डोर,
हरे कृष्ण हरे मुरारी,
पुजती जिन्हें दुनिया सारी,
आओ उनके गुण गाएं सब
मिल के जन्माष्टमी मनाये.
गोकुल में जिसने किया निवास,
उसने गोपियों के संग रचा इतिहास,
देवकी-यशोदा जिनकी मैया,
ऐसे है हमारे कृष्ण कन्हैया
बांके बिहारी का नाम लो सहारा मिलेगा,
ये जीवन न तुमको दुबारा मिलेगा,
डूब रही अगर कश्ती मझधार में,
कृष्णा के नाम से सहारा मिलेगा..
छोड़ा सबका दामन हठयोग में तुम्हारे
मेरी साँसे उखड़ रही वियोग में तुम्हारे
लौट आओ मोहन किस बात पे अड़े हो
मूर्त बनकर बस मंदिर में क्यों खड़े हो
Janmashtami Status
वृन्दावन की खुशबू
राधा कृष्ण का प्यार
कन्हैया का नटखटपन
मां यशोदा की फटकार
मुबारक हो आप सबको
यशोदा के घर लल्ला
माखन चोर है आयो रे
शुभ घड़ी है देखो आयी
गोकुल में खुशियां छायो रे
मिश्री से मीठे नन्द लाल के बोल
इनकी बातें हैं सबसे अनमोल
जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर
दिल खोल के जय श्री कृष्ण बोलो
राधा की भक्ति, मुरली की मिठास
माखन का स्वाद और गोपियों का रास
सब मिलके बनाता है जन्माष्टमी का दिन खास
गोकुल में है जिनका वास
गोपियों संग रचाए जो रास
देवकी यसोदा जिनकी मैया
ऐसे है हमारे कृष्ण कन्हैया।
माखन चोर नन्द किशोर
बांधी जिसने प्रीत की डोर
हरे कृष्ण हरे मुरारी
पूजती जिन्हें दुनिया सारी
आओ उनके गुण गाएं सब मिल के जन्माष्टमी मनाएं
प्रेम से श्री कृष्ण का नाम जपो
दिल की हर इच्छा पूरी होगी
कृष्ण आराधना में लीन हो जाओ
उनकी महिमा जीवन खुशहाल कर देगी।
कन्हैया हमारे दुलारे, वही सबसे प्यारे,
माखन के लिए झगड़ जाए, गोपियां देखकर आकर्षित हो जाए,
लेकिन सबके रखवाले, तभी तो सबसे दुलारे।।
मुझको मालूम नहीं अगला जन्म है की नहीं
ये जन्म प्यार में गुजरे ये दुआ मांगी है
और कुछ मुझे जमाने से मिले या ना मिले
ए मेरे कान्हा तेरी मोहब्बत ही सदा मांगी है।।
देखो फिर जन्माष्टमी आयी है,
माखन की हांडी ने फिर मिठास बढ़ाई है,
कान्हा की लीला है सबसे प्यारी,
वो दे तुम्हें दुनिया की खुशियां सारी।
छोड़ा सबका दामन हठयोग में तुम्हारे,
मेरी सांसे उखड़ रही वियोग में तुम्हारे,
लौट आओ मोहने किस बात पे अड़े हो,
मूर्त बनकर बस मंदिर में क्यों खड़े हो।।
चंदन की खुशबू और रेशम का हार,
सावन की सुगंध और बारिश की फुहार,
राधा की उम्मीद को कन्हैया का प्यार,
मुबारक हो आपको जन्माष्टमी का त्यौहार।।
राधा की भक्ति, मुरली की मिठास,
माखन का स्वाद और गोपियों का रास ,
सब मिलके बनाते हैं जन्माष्टमी का दिन खास।
मिश्री से मीठे नन्द लाल के बोल,
इनकी बातें हैं सबसे अनमोल,
जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर,
दिल खोल के जय श्री कृष्ण बोल।
माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
खुशी मनाओ उसके जन्मदिन की,
जिसने दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाया।
कृष्णा तेरी गलियों का जो आनंद है,
वो दुनिया के किसी कोने में नहीं,
जो मजा तेरी वृंदावन की रज में है,
मैंने पाया किसी बिछौने में नहीं।
चन्दन की खुशबू रेशम का हार,
सावन की सुगंध और बारिश की फुहार,
राधा की उम्मीद को कन्हैया का प्यार,
मुबारक हो आप सबको जन्माष्टमी का त्योहार।
बांके बिहारी का नाम लो सहारा मिलेगा,
ये जीवन न तुमको दोबारा मिलेगा,
डूब रही अगर कश्ती मझधार में
कृष्णा के नाम से सहारा मिलेगा।
श्री कृष्ण के कदम आपके घर आएं,
आप खुशियों के दीप जलाएं,
परेशानी आपसे आंख चुराए
राधा की भक्ति, मुरली की मिठास,
माखन का स्वाद और गोपियों का रास,
सब मिलके बनता है जन्माष्टमी का दिन खास,
मुझको मालूम नहीं अगला जन्म है की नहीं
ये जन्म प्यार में गुजरे ये दुआ मांगी है
और कुछ मुझे जमाने से मिले या ना मिले
पलकें झुकें और नमन हो जाए
मस्तक झुके और वंदन हो जाए
ऐसी नजर, कंहां से लाऊं मेरे कन्हैया
आपको याद करूं और आपके दर्शन हो जाए।।
छोड़ा सबका दामन हठयोग में तुम्हारे,
मेरी सांसे उखड़ रही वियोग में तुम्हारे,
लौट आओ मोहने किस बात पे अड़े हो,
मूर्त बनकर बस मंदिर में क्यों खड़े हो।।
चंदन की खुशबू और रेशम का हार,
सावन की सुगंध और बारिश की फुहार,
राधा की उम्मीद को कन्हैया का प्यार,
मुबारक हो आपको जन्माष्टमी का त्यौहार।
प्रेम से श्री कृष्ण का नाम जपो
दिल की हर इच्छा पूरी होगी
कृष्ण आराधना में लीन हो जाओ
उनकी महिमा जीवन खुशहाल कर देगी
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा,
एक मात स्वामी सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा।
हैप्पी जन्माष्टमी 2022
कृष्णा तेरी गलियों का जो आनंद है
वो दुनिया के किसी कोने में नहीं
जो मजा तेरी वृंदावन की रज में है
मैंने पाया किसी बिछौने में नहीं
Shri Krishan Makhan Status
कौन कहता कृष्ण अब माखन खाते नहीं है,
श्रद्धा, समर्पण और प्रेम से हम बुलाते नहीं है।
कुमारी कविता
मैया माखन दूर है हाथ मोरा ना जाएँ,
नन्हा सा कान्हा तेरा माखन कैसे चुराएँ,
बाल-ग्वाल सब बैरी है नाम मेरा बताएँ
मुझको भोला जान के बरबस मुख लिपटाएँ
पल्ल्व सागर
खुशियों की मटकी फूटी
मन माखन सा हो गया
कान्हा की बाँसुरी सुनी
सारा जहाँ वृंदावन सा हो गया
वृंदावन की गलियों में मच गया शोर,
यशोदा मैया के घर आ गयो माखन चोर.
जब कन्हैया चुराकर माखन खाते थे,
तो सभी माखन की मटकी छुपाते थे.
जो लोग घरों में माखन छुपायेंगे,
उसे खाने बाल गोपाल जरूर आएंगे।
मैय्या कहे माखन चोर,
गोपियाँ कहें कन्हाई,
हर नाम पुकारा मैंने
पर अभी दरश नहीं पाई.
मैं इस दौर की तरक्की से
बड़ा ही लज्जित हूँ क्योंकि
हमारे देश के कृष्ण-कन्हैया
अब शुद्ध माखन नहीं पाते है.
मैं श्री कृष्ण का भक्त हूँ,
मुझे भी माखन बड़ा पसंद है,
लेकिन दुःख एक ही बात का है
शुद्ध माखन हर जगह मिलता नहीं है.
जन्माष्टमी के दिन बच्चों को
सब लोग कृष्णा बनाते है,
लेकिन माँ को पता ही नहीं
दही से माखन कैसे निकालते है.
नन्द के लाल अब बड़ा सताने लगे है,
माखन खिलाओ तो नखरे निखाने लगे है.
कृष्ण कन्हैया जब माखन चुराकर खाते है,
मत पूछो कितन सुंदर लगते है जब वो मुस्कुराते है.
मन-हांडी में जो दिखे
माखन जैसी प्रीत
झट से उसे चुराय लो
ये कान्हा की रीत…
कैसी मटकी, कैसा माखन,
कैसा नरम बिछौना माँ
जल्दी से आकर खाना
दे दे तेरा कान्हा है भूखा माँ.
दही-मक्खन की हांडी
यशोदा मैया का प्यार,
मुबारक हो आप सबको
जन्माष्टमी का त्यौहार।
वो मन-मोहन माखन चोर है,
सिर पर लगाता वो पंख-मोर है,
रूप-रंग से थोड़ा साँवला है
पर सबके दुखो को हरने वाला है.
बंसी बजाकर जिसने पूरी दुनिया को नचाया,
खुशियाँ मनाओ कान्हा का जन्मदिन है आया.
हैप्पी जन्माष्टमी
हाथ में माखन ले घुटनो से जब गोपाल चले,
समस्त देवता उनकी बाल लीला देखने लगे.
हैप्पी जन्माष्टमी
कान्हा कुछ माखन खायें
कुछ मुंह में लिपटाये,
जिनकी सुरतिया देखकर
वृन्दावासी धन्य हो जाये।
बड़े शरारती, बड़े नटखट है
अपने सुंदर कान्हा,
सिर्फ माखन नहीं चुराते
मटकी भी फोड़ आते है कान्हा।
हमारे छोटे से कान्हा पर
क्या-क्या इल्जाम लगाए है,
खाया सबने माखन पर
श्रीकृष्ण ही माखनचोर कहलाए है.
मित्रों इस लेख में Shri Krishan का संग्रह प्रस्तुत किया है. उम्मीद है, आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी. अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं. हमारी वेबसाइट से जुड़ने के लिए Notification को Allow करें.