भारत राष्ट्र के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जो की किसानों के सबसे बड़े मसीहा के रूप में जाना जाता है, उनका जन्म 23 दिसम्बर 1920 में हुआ था और उनकी मृत्यु के बाद उनकी याद में हर साल 23 दिसम्बर को किसान दिवस मनाया जाता है.
हकीकत में किसान ही इस देश
को चलाते है वही खाने को अनाज
देते है, वही चुन कर सरकार देते है.
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।
प्रयास छोटा ही सही लेकिन लगातार
होना चाहिए,बारिश की बूंदे भले ही
छोटी हो, लेकिन उनका लगातार
बरसना बड़ी नदी का बहाव बन जाता है.
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।
मेरा भारत महान है क्योंकी
मेरे देश की पहचान किसान है।
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।
कामयाबी हाथों की लकीरों में नहीं
माथे के पसीने में हैं, वो मजा आम
जिंदगी में कहाँ जो बिंदास जीने में है.
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।
किसान वो भगवान हैं जो खुद का पेट
खाली रख कर,दूसरों का पेट भरता हैं।
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।
कामयाबी उन्ही को हासिल होती है
जिनकें हौसलों में जान होती है पंखों
से कुछ नहीं होता,हौसलों से उड़ान होती है।
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।
मैं किसान हूँ मुझे भरोसा हैं
अपने जूनून पर निगाहे लगी
हुई है आकाश के मानसून पर.
किसान दिवस की बधाई।
अगर आप में कुछ करने की इच्छा हो तो !
इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं !!
किसान दिवस की बधाई।
नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले
बदल देते हैं और कामयाब लोग अपने फैसले से
पूरी दुनिया बदल देते हैं .
किसान की आह जो दिल से निकाली
जाएगी,क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी।
जो इंसान एक जगह शांत हो कर
बैठना सीख लेता है वो जीवन में
कुछ भी हासिल कर सकता है ।
धुप में सब कुछ सुख जाता है छोड़कर
किसानो के पसीने को अफ़सोस फिर
भी उनको मेहनत का फल नहीं मिलता।
इंतज़ार मत करो
जितना तुम सोचते हो…
जिंदगी उससे कहीं ज्यादा
तेजी से निकल रही है
गाँव के खेतों का पानी अब इनके आखों
में आ गया हैं, किसान अपने हक़ के लिए
अब शहरों में आ गया हैं।
अपनी जिंदगी से कभी नाराज मत होना
क्या पता आप जैसे जिंदगी किसी का सपना हो..
लोग कहते हैं बेटी को मार डालोगे,
तो बहू कहाँ से पाओगे? जरा सोचो
किसान को मार डालोगे, तो रोटी
कहाँ से लाओगे?
खुद को बदलने का सबसे तेज तरीका है,
उन लोगों के साथ रहना जो
पहले से ही उस रस्ते पर है
जिस पर आप जाना चाहते हैं ।
किसान के लड़के ने अपने नाम के
आगे “डाक्टर” जोड़ लिया, गाँव में
हल ने कोने में पड़े-पड़े दम तोड़ दिया.
दूसरों को सोता और मौज करता देख भी जो
लोग पढ़ते है और मेहनत करते है
वो निश्चित ही एक दिन इतिहास रचते है
घटाएँ उठती हैं बरसात होने लगती है,
जब आँख भर के फ़लक को किसान
देखता है..
कह दो किस्मत से
हम न तुम्हें कभी पुकारेंगे
न हम हारे थे ।
न हम कभी हारेंगे
कहाँ ले जाओगे किसान के हक का
दाना, इस दुनिया को एक दिन तुमको
भी है छोड़ जाना।.
किस्मत को छोड़ो,
जब मेहनत का सिक्का उछलता है,
तब Head भी तुम्हारा होता है और
tail भी तुम्हारा होता है ।
बिना मेहनत की कमाई को उड़ाते देखा है
मेने चंद रुपयों के लिए किसान को बेल की
जगह हल चलाते देखा है मेने।
मत मारो गोलियो से मुझे,
मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं,
कि मैं पेशे से एक किसान हूँ।
एक बार आकर देख कैसा,
ह्रदय विदारक मंजर हैं,
पसलियों से लग गयी हैं आंते,
खेत अभी भी बंजर हैं।
जैसा आप सोचोगे वैसा ही बनौगे
तौ इसलिए सोच हमेशा बड़ी रखो।
किसी को पता नही कितना किसानों का
हाल बेहाल है सरकार कागजी तरक्की
से खूब खुशहाल है..
सफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो
क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो
कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती..
किसान की समस्या खत्म नही होती,
नेताओ के पास पैकेज अस्सी हैं,
अंत में समस्या खत्म करने के लिए,
किसान चुनता रस्सी हैं.
कामयाबी के सफ़र में मुश्किलें तो आएँगी ही,
परेशानियाँ दिखाकर तुमको तो डराएंगी ही,
चलते रहना कि कदम रुकने ना पायें,
अरे मौत से क्या डरना एक दिन तो आएगी ही..
अभी न निकली पहली किरण पूर्व की लाली
पहचान,भौर से पहले ही , खाट छोड़ उठ
गया किसान.
देवताओं से भी हल नहीं हुई,
जिन्दगी कही सरल नही हुई,
कि अबके साल फिर यही हुआ
अबके साल फिर फसल नही हुई.
जब कोई किसान या जवान मरता है,
तो समझना पूरा हिन्दुस्तान मरता है.
देर शाम खेत से किसान घर नहीं आता है,
तो बच्चों का मासूम दिल सहम जाता है.
कहाँ ले जाओगे किसान के हक का दाना,
इस दुनिया को एक दिन तुमको भी है छोड़ जाना।
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.
एक बार आकर देख कैसा, ह्रदय विदारक मंजर हैं,
पसलियों से लग गयी हैं आंते, खेत अभी भी बंजर हैं.
मुफ़्त की कोई चीज बाजार में नहीं मिलती,
किसान के मरने की सुर्खियां अखबार में नहीं मिलती।
ये जो खुद को राशन की कतारों में खड़ा पाता हूँ मैं,
खेतों से बिछड़ने की सजा पाता हूँ मैं.
एक ईमानदार किसान को डरे सहमे हुए देखा है,
मेहनत करने के बावजूद भूख से लड़ते हुए देखा है,
खेतों का पानी अब
न अब शहर में आ गया हैं.
लोग कहते हैं बेटी को
मार डालोगे,तो बहू कहाँ से पाओगे?
जरा सोचो किसान को मार डालोगे,
तो रोटी कहाँ से लाओगे?
किसान की आह जो दिल से निकाली जाएगी
क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी
किसान खुल के हँस तो रहा हैं फ़क़ीर होते हुए,
नेता मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए.
गरीब किसान को हैरान देखा,
जरूरतों से परेशान देखा,
देश कैसा अनोखा है
अन्नदाता ही भूखा है.
मर रहा सीमा पर जवान और खेतों में किसान,
कैसे कह दूँ इस दुखी मन से कि मेरा भारत महान.
किसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैं,
बस ऱोज नये ख्वाबो की बात करते हैं.
ज़िन्दगी के नगमे कुछ यूँ गाता,
मेहनत मजदूरी करके खाता,
सद्बुद्धि सबको दो दाता,
हम है, अगर हैं अन्नदाता.
शुक्र हैं कि बच्चे अब शर्म से नही मरेंगे,
चुल्लू भर पानी खुदा दे, दुआँ करेंगे.
ऐ ख़ुदा बस एक ख़्वाब सच्चा दे दे,
अबकी बरस मानसून अच्छा दे दे,
फूल खिला दे शाखों पर,
पेड़ों को फल दे मालिक,
धरती जितनी प्यासी हैं
उतना तो जल दे मालिक.
चीर के जमीन को, मैं उम्मीद बोता हूँ…
मैं किसान हूँ, चैन से कहाँ सोता हूँ…
दौर-ए-तरक्की में कोई दुःख भरी बात मत कहना,
क्या फ़र्क नहीं डालता किसी पर अन्न दाता का भूखे सो जाना?
किसान की समस्या खत्म नही होती,
नेताओ के पास पैकेज अस्सी हैं,
अंत में समस्या खत्म करने के लिए,
किसान चुनता रस्सी हैं.
भगवान का सौदा करता हैं,
इंसान की क़ीमत क्या जाने?
जो “धान” की क़ीमत दे न सक,
वो “जान ” की क़ीमत क्या जाने?
ये मौसम भी कितना बेईमान हैं,
बारिश न होने की वजह से मरा इक किसान हैं.
कहाँ छुपा के रख दूँ मैं अपने हिस्से की शराफ़त,
जिधर भी देखता हूँ उधर बेईमान खड़े हैं,
क्या खूब तरक्की कर रहा हैं अब देश देखिये,
खेतो में बिल्डर और सड़को पर किसान खड़े हैं.
जब किसान अपने बेटे को पढ़ाता हैं,
तो कई रात वो भूखा ही सो जाता हैं.
जो किसान अपने बच्चों को
बड़े शहर भेजता है,
वो उन की खुशियों को
दिल पर पत्थर रखकर बेचता हैं.
खाट पर लेटा हूँ,
किसान का बेटा हूँ,
किस बात की सजा दी है,
इतनी मेहनत के बाद भी
इतनी परेशानी दी है.
माना बुरा हाल है
पर रखता तू ही ख्याल है.
किसान के लड़के ने अपने नाम के आगे “डाक्टर” जोड़ लिया,
गाँव में हल ने कोने में पड़े-पड़े दम तोड़ दिया.
उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.
ग़रीब के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में,
तभी तो भगवान खुद बिक जाते हैं बाजारों में.
क्या दिखा नही वो खून तुम्हें,
जहाँ धरती पुत्र का अंत हुआ,
सच को ये सच नही मान रहा,
लो आँखों से अँधा भक्त हुआ.
खेतों को जब पानी की जरूरत होती है,
तो आसमान बरसता है या तो आँखें।
कितने अजब रंग समेटे हैं, ये बेमौसम बारिश खुद में,
अमीर पकौड़े खाने की सोच रहा हैं तो किसान जहर…
मत मारो गोलियो से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं कि मैं पेशे से एक किसान हूँ.
जिसकी आँखो के आगे,किसान पेड़ पे झूल गया,
देख आईना तू भी बन्दे,कल जो किया वो भूल गया.
हमने भी कितने पेड़ तोड़ दिए,
संसद की कुर्सियों में जोड़ दिए,
कुआँ बुझा दिए, नदियाँ सुखा दिए,
विकास की ताकत से कुदरत को झुका दिए.
kisan Diwas Wishes Status
पैर हों जिनके मिट्टी में, दोनों हाथ कुदाल पर रहते हैं,
सर्दी, गर्मी या फिर बारिश, सब कुछ ही वे सहते हैं
आसमान पर नज़र हमेशा, वे आंधी तूफान सब सहते हैं,
खेतों में हरियाली आये, दिन और रात लगे रहते हैं
मेहनत कर वे अन्न उगाते, पेट सभी का भरते हैं,
वो है मसीहा मेहनत का, उसको किसान हम कहते हैं।
राष्ट्रीय किसान दिवस की शुभकामनाएं!
किसान है अन्नदाता, यही है देश के भाग्यविधाता।
हैप्पी राष्ट्रीय किसान दिवस 2021!
चीर के ज़मीन को, मैं उम्मीद बोता हूँ…
मैं किसान हूँ, चैन से कहाँ सोता हूँ
राष्ट्रीय किसान दिवस!
छत टपकती है, उसके कच्चे घर की,
फिर भी वो किसान करता है दुआ बारिश की।
राष्ट्रीय किसान दिवस!
कड़ी धूप हो या हो शीतकाल,
हल चलाकर न होता बेहाल
रिमझिम करता होगा सवेरा,
इसी आस में न रोकता चाल
खेती बाड़ी में जुटाता ईमान,
महान पुरूष है वो किसान।
राष्ट्रीय किसान दिवस 2021!
लोकगीत को गा के,
सबके सोए भाग जगा के
उगा रहे हो तुम अब धान
जय भारतीय किसान।
हैप्पी राष्ट्रीय किसान दिवस!
किसान तुमने कभी नहीं किया विश्राम,
हर दिन तुमने किया है काम
सेहत पर अपने दो तुम ध्यान।
जय भारतीय किसान।
हैप्पी राष्ट्रीय किसान दिवस 2021
जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तहान बाकी है,
वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है,
बादलों बरस जाना समय पर इस बार,
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी है
हैप्पी किसान दिवस
छत टपकती हैं,
उसके कच्चे घर की,
फिर भी वो कृषक करता हैं दुआ बारिश की।
मत मारो गोलियो से मुझे,
मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं,
कि मैं पेशे से एक किसान हूँ।
जिसकी आँखो के आगे,
किसान पेड़ पे झूल गया,
देख आईना तू भी बन्दे,
कल जो किया वो भूल गया।
हैप्पी किसान दिवस
उन घरो में जहाँ,
मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो,
मगर लोग बड़े रहते हैं।
भगवान का सौदा करता हैं,
इंसान की क़ीमत क्या जाने?
जो “धान” की क़ीमत दे न सके,
वो “जान ” की क़ीमत क्या जाने?
हैप्पी किसान दिवस
मर रहा सीमा पर जवान और खेतों में किसान,
कैसे कह दूँ इस दुखी
मन से कि मेरा भारत महान
किसान दिवस
एक बार आकर देख कैसा,
ह्रदय विदारक मंजर हैं,
पसलियों से लग गयी हैं आंते,
खेत अभी भी बंजर हैं।
किसान दिवस
जो घर बैठी माँ को माँ पुकारे वो इंसान है
माँ से पहले देश की माटी को माँ पुकारे, वो मेरा हिंदूस्तान है
जो इस माटी का कर्ज चुकाए बिना कोई लोभ
वो इस माटी कि असल संतान मेरे देश का किसान है
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
एक दिन जी कर तो देखो जिंदगी किसान की
कैसे वो मिट्टी से सजा देता है थालिया हिंदुस्तान की
हैप्पी किसान दिवस
जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तहान बाकी है
वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं
उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है
बादलों बरस जाना समय पर इस बार
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी है
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
मत मारो गोलियो से मुझे
मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ
मेरी मौत कि वजह यही हैं
कि मैं पेशे से एक किसान हूँ
हैप्पी किसान दिवस
कट गए है हाथ जो उगाते है देश लिए अनाज
बढ गई है जनसंख्या, कम हो गए है किसान
अब तो बस चारो तरफ दिखते है होटलें और मकान ही मकान
कहा से लाए खेत और खलिहाल
क्या करेंगा अब मेरे देश का किसान
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
भगवान का सौदा करता हैं
इंसान की क़ीमत क्या जाने?
जो “धान” की क़ीमत दे न सके
वो “जान ” की क़ीमत क्या जाने?
हैप्पी किसान दिवस
मैं किसान हूँ मुझे भरोसा हैं अपने जूनून पर
निगाहे लगी हुई है आकाश के मानसून पर
हैप्पी फार्मर डे
तन के कपड़े भी फट जाते है,
तब कहीं एक फसल लहलहाती है
और लोग कहते है किसान के
जिस्म से पसीने की बदबू आती है
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
अपनी फसलो को आधे भाव में बेचकर भी
वो किसान हमेशा खुश रहता है
क्योकि उसे अपनी कमाई से ज्यादा
दूसरो का पेट भरने में आनंद आता है
हैप्पी किसान दिवस
चिर देता है धरती, सूखता नहीं उसका पसीना
आराम के लिए किसान को मिलाता नहीं महिना
हैप्पी फार्मर डे
कहाँ छुपा के रख दूँ मैं अपने हिस्से की शराफ़त
जिधर भी देखता हूँ उधर बेईमान खड़े हैं
क्या खूब तरक्की कर रहा हैं अब देश देखिये
खेतो में बिल्डर और सड़को पर किसान खड़े हैं
हैप्पी किसान दिवस
हमने भी कितने पेड़ तोड़ दिए,
संसद की कुर्सियों में जोड़ दिए
कुआँ बुझा दिए, नदियाँ सुखा दिए,
विकास की ताकत से कुदरत को झुका दिए
किसान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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