सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, केंद्र सरकार ने हाल ही में “डॉ. बीआर अंबेडकर योजना – अंतरजातीय विवाह के माध्यम से सामाजिक एकता के लिए” शीर्षक के तहत एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस योजना के तहत, सरकार 2.5 लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी जब किसी जोड़े में दूल्हा या दुल्हन दलित होते हैं। इसके अलावा, सरकार ने प्रति वर्ष की आय सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ावा दिया है। यह योजना सभी के लिए खोली गई है और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। सामाजिक एकीकरण योजना के इस संशोधन से समस्याओं का समाधान किया जाएगा और ब्लॉक स्तर पर भी इसकी जागरूकता फैलाई जाएगी। केंद्र सरकार अब जाति व्यवस्था और सजातीय विवाह को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
अंतरजातीय विवाह योजना – विवाह पर 2.5 लाख रुपये इस दलित विवाह 2.5 लाख रुपये की योजना की महत्वपूर्ण विशेषताएं और मुख्य बिंदुओं को इस तरह से रीवाइट किया जा सकता है:
इस विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सद्भाव की प्रोत्साहना है, और विवाहित जीवन के प्रारंभिक चरण में जोड़ों को घर बसाने में मदद करना है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, यह जरूरी है कि यह जोड़ा पहली शादी कर रहा हो।
विवाह हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत होना चाहिए और जोड़ों को 1 वर्ष के भीतर योजना प्रस्तुत करनी होगी।
केंद्र सरकार अब यह शर्त हटा देती है कि नवविवाहित जोड़ा की कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए, इससे इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आय सीमा की कोई शर्त नहीं है।
अब, हर जोड़ा जिसमें दूल्हा या दुल्हन में से कोई एक दलित है, 2.5 लाख रुपये प्राप्त करेगा।
वे इस राशि को प्राप्त करने के लिए संबंधित मंत्रालय को आधार विवरण और उनके संयुक्त बैंक खाते (आधार से जुड़े) जमा कर सकते हैं।
इसके अलावा, प्रत्येक राज्य के लिए लक्ष्य राज्यों में रहने वाले अनुसूचित जातियों (एससी) के अनुपात को निर्धारित किया गया है, लेकिन अनुमोदन देते समय राज्य अपनी सीमा को पार कर सकते हैं।
अंतरजातीय विवाह योजना 2023 के 5 फायदे
- अलग संस्कृतियों को समझने का अवसर:- सजातीय विवाह में विवाहितों की संस्कृति समान होती है, जिससे केवल उन्हें अपनी संस्कृतियों को समझने का मौका मिलता है।
- सरकारी सहायता:- सरकार यदि दो युवाओं की इच्छा के मुताबिक अंतरजातीय विवाह को समर्थन देती है, तो वह उनकी सहायता करती है।
- जातिवाद का नाश:- अंतरजातीय विवाह के माध्यम से, जातिवादी धारा को तोड़ने का प्रयास होता है।
- अनुवांशिक रोगों से छुटकारा:- अंतरजातीय विवाह अनुवांशिक रोगों के प्रचलन को कम कर सकता है।
- ऐच्छिक विवाह से जीवन में शांति:- अंतरजातीय विवाह जीवन में खुशहाली और शांति का एक माध्यम हो सकता है।
अंतरजातीय विवाह योजना पात्रता इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए, नवविवाहित जोड़ों को अपने जॉइंट बैंक खाते की विवरण भी प्रदान करनी होगी ताकि योजना के तहत राशि उनके खाते में स्थान पा सके।
- इस योजना में शामिल होने वाले लोगों को 2.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, लेकिन इसके लिए जोड़े की जाति अलग-अलग होनी चाहिए।
- योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए, विवाह को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत पंजीकृत किया जाना चाहिए।
- इस योजना के तहत, शादी पहली होनी चाहिए, दूसरी शादी करने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- योजना में एक और बात ध्यान देनी चाहिए कि अगर आपको पहले से कोई सहायता राशि मिल चुकी है, तो 2.5 लाख रुपये में से उतनी राशि कम कर दी जा सकती है।
- इस योजना में, सबसे पहले जोड़ा जिसमें से जिसकी जाति दलित या अनुसूचित है, उसे अपनी जाति के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी।
इस योजना में, लाभार्थी को आवेदन पत्र के साथ शादी का प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा, जिसमें दंपत्ति को कानूनन विवाहित होने का सबूत देना होगा।
अंतरजातीय विवाह योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- बैंक अकाउंट पासबुक
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आयु प्रमाण पत्र
- कोर्ट मैरिज का प्रमाण पत्र
अंतरजातीय विवाह योजना में ऑफ़लाइन आवेदन कैसे करें
- आपको इस प्रक्रिया के तहत अपने संबंधित राज्य की आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा।
- अपनी विवरण के साथ आवेदन पत्र को सही ढंग से भरें और प्रमाण के लिए दस्तावेजों को संलग्न करें।
- आवेदन पत्र जिला सामाजिक न्याय अधिकारी (District Social Justice Officer) के पास जमा करें।
योजना में आनलाइन आवेदन कैसे करें
- संबंधित राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- अब आपको स्क्रीन पर एक नया पेज दिखाई देगा। ‘अभी रजिस्टर करें’ विकल्प पर क्लिक करें।
- यदि आप एक नए उपयोगकर्ता हैं, तो अपने विवरण का उपयोग करके एक नया खाता बनाएं।
- विवरण दर्ज करने के बाद, ‘रजिस्टर’ पर क्लिक करें।
- अब अपने खाते में लॉगिन करें, और होमपेज पर, पत्नी का नाम, पति का नाम, जिला आदि जैसे अपने विवरण दर्ज करें।
- इसके बाद, विवाह विवरण भरें।
- पूछे गए किसी भी दस्तावेज को संलग्न करें और इस योजना के लिए आवेदन करें।
Frequently Asked Questions Q1- अंतरजातीय विवाह योजना क्या है?
उत्तर: – भारत सरकार ने अनुसूचित जाति / अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के जोड़ों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए इस योजना को शुरू किया।
Q2- किस राज्य ने पहला प्रोत्साहन दिया?
उत्तर: – राजस्थान सरकार ने योजना के तहत पात्र आवेदकों को पहला प्रोत्साहन दिया।
Q3- इस योजना के माध्यम से आवेदक को कितना पैसा मिलता है?
उत्तर: – इस योजना के माध्यम से आवेदक 2.50 लाख रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं।
Q4- अंतरजातीय विवाह योजना उद्देश्य क्या है?
उत्तर: – सरकार देश में जातियों के बीच के भेदभाव को मिटाने के लिए यह योजना लेकर आई। अंतरजातीय विवाहों को बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई। सरकार द्वारा अंतरजातीय विवाह योजना को लाने का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली असमानता को दूर करना है, इस योजना के तहत यदि एक व्यक्ति अपनी जाती को छोड़कर यदि दूसरी जाती में विवाह करता है तो समाज में फैली असामनता व जातिवाद में कमी आती है। इस योजना के तहत सरकार समाज के लोगो का नजरिया बदलना चाहती है।
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